किस्सा सुभाष चंद्र बोस
रागनी --1
रागनी --5
रागनी --7
रागनी --1
सुभाष चंद्र बोस के 23 जनवरी के जन्मदिन के मौके पर एक रागनी
आजाद देश में जन्म लिया कारण सै थारी कुर्बानी ।।
दिमाग में घूमें जावै म्हारै थारी खास टोपी की निशानी ।।
विदेश गए पढ़ने खातिर आई सी एस पास करी
उड़े देख नजारे आजादी के आकै डिग्री पाड़ धरी
भारत की आजादी खातर लादी
थामनै पूरी जिंदगानी ।।
दिमाग में घूमें जावै म्हारै थारी खास टोपी की निशानी ।।
आजाद देश में जन्म लिया कारण सै थारी कुर्बानी
कांग्रेस मैं रहकै नै चाही लड़नी थामनै लड़ाई दखे
थारे विचार क्रांतिकारी थे
उड़े ना पार बरसाई दखे
बोले थाम
खून दयो
मैं दिलाऊं तुमने आजादी हिंदुस्तानी ।।
दिमाग में घूमें जावै म्हारै थारी खास टोपी की निशानी ।।
सिंगापुर में जाकै थमने आजाद हिंद फौज बनाई
हिटलर तैं पड़े हाथ मिलाने चाहे था वो घणा अन्यायी
लक्ष्मी सहगल साथ थारै अरसैं गेल्याँ महिला बेउनमानी ।।
दिमाग में घूमें जावै म्हारै थारी खास टोपी की निशानी ।।
हवाई जहाज में चले थे कहैं उड़े हादसा होग्या दखे
यकीन नहीं आया आज ताहिं शक के बीज बोग्या दखे
के लिख सकै थारे बारे मैं यो रणबीर सिंह अज्ञानी ।।
दिमाग में घूमें जावै म्हारै थारी खास टोपी की निशानी ।
रागनी --2
सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन (23 जनवरी ) के मौके पर एक रागनी
शत शत शत प्रणाम तनै आजाद हिंद फौज बनाई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
बासठ साल मौत नै होगे बेरा नहीं लग पाया
इतिहास की किताबों मैं यो विमान हादसा बताया
ठाराँ अगस्त नै मातम छाया खबर मौत की आई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
कद हुई मौत ना बेरा फेर जिंदा तूँ म्हारे दिल मैं
जिस आजादी खातिर लड़े वा हटकै फिर मुश्किल मैं
या नाग पुकारै बिल में धर्म पै नफरत फैलाई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
तेईस जनवरी का दिन हमेशा हमनै याद रहैगा
दिल म्हारा इस दिन सुभाष बोस जिंदाबाद कहैगा
जुल्म खिलाफ वो फहैगा जो सच्चा वीर सिपाही ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
तेरे सपन्यां का भारत आज तलक ना बन पाया
मुट्ठी भर ऐस करैं बाकी मरे भूखा तिसाया
रणबीर नै अलख जगाया करकै तेरी कविताई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
रागनी --3
मिशाल बनाई
सुभाष चन्द्र बोस तनै दुनिया मैं कई मिशाल बनाई
उन बख्तों मैं भी हांगा लाकै तनै आई सी एस करी पढ़ाई
कांग्रेस मैं रह कै तनै देश आजाद करवाना चाहया था
नरम दल तैं मतभेद थारे थे ज्याँ गरम दल बनाया था
त्याग कै डिग्री अपनी तनै फेर अंग्रेजों की भ्यां बुलवाई ||
अंग्रेज फूट गेरो राज करो की निति कसूत अपनारे थे
म्हारे बालक करकै भरती हम पै हथियार चलवारे थे
इनको ताहने खातर थामनै फेर आजाद फ़ौज बनाई ||
भेष बदल कै भारत छोड्या जा पहोंचे फेर जापान मैं
सपना था थारा अक यो आवै स्वराज प्यारे हिंदुस्तान मैं
महिलाओं की पलटन न्यारी थामनै खडी करकै दिखाई ||
सारा हिंदुस्तान याद करै तेरी क़ुरबानी नहीं भुल्या देश
हुक्मरान तनै भूल गये गोरयां आगे करया खुल्या देश
रणबीर सिंह बरोने आला करै तेरी जयन्ती पै कविताई ||
रागनी ---4
किसानों पर तथा आम जनतपर अंग्रेजों के अत्याचार बढ़ जाते हैं |
जलियावाला कांड हुआ फिर रोलेट एक्ट की बात चली और गाँधी
जी का भारत छोडो आंदोलन चला उधर आजाद हिन्द फ़ौज का
होंसला बनाये रखने के लिए बहुत सारी बातें सुभाष चन्दर बोस
फौजियों से करते हैं | क़्या बताया भला ---
अंग्रेजों नै लूट मचाई यो चारों कूट रोला पड़ग्या।
एक दूजे के गल कटावैं
राज पाट जमा सड़ग्या।।
1
घर बनाये तबेले देश
मैं रही माणस की खोड़ नहीं
जात पात पर भिड़वारे आज जुल्मों का औड़ नहीं
शोषण करैं देश का
इमान का जुलूस लिकड़ग्या।।
एक दूजे के गल कटावैं
राज पाट जमा सड़ग्या।।
2
मेहनत करी लोगां नै विज्ञान नै राह दिखाया
या दुनिया बदल दई घणा खून पसीना बाहया
गोरयां नै डाण्डी मारी भारत कति ए तै पिछड़ग्या ||
एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।।
3
न्याय की बात भूलगे नहीं ठीक करया बंटवारा
पांच सितारा होटल दूजे कान्ही यो फूटया ढारा
देश की कमाई का मुनाफा अंग्रेजों कै बड़ग्या।।
एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।।
4
रेडिओ पै सपने हमनै आज खूब दिखाये जावैं
रणबीर लालच देकै नै पिठू आज बनाये जावैं
डर आजादी की लड़ाई तैं गोरा और अकड़ग्या ||
एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।।
सुभाष चंद्र बोस
एक महिला कार्यकर्ता सुभाषचंद्र बोस से कुछ बातें करती है और क्या कहती है ::-
कांग्रेस क्यों छोड्डी थामनै इतना तो मनै बताईयो जी।।
गर्म दल क्यों बनाया यो इतना मनै समझाईयो जी।।
1
के हालात बने बोस जी इसे जो कांग्रेस छोड़नी पड़गी
सबतै बड्डी पार्टी तैं क्यों थामनै बात मोड़नी पड़गी
एक एक बात आच्छी ढालां खोल कै दिखाईयो जी।।
माणस लड़ाकू और ज्ञानी कहते जनता नै लगे
थारे प्रति मोह बहोत ये कहते जनता के जगे
सत्तो फत्तो सरतो साथ सैं मतना कति घबयाईयो जी।।
यूं दिल कहता बोस मेरा थाम साच्चे लीडर म्हारे
कहते सारे हिंदुस्तान मैं सबके थाम सो घणे प्यारे
मनै दिल की बात कहदी दिल की बात सुनाईयो जी।।
जय हिंद जय हिंद होरी यो पूरा भारत याद करै
बढ़ते जाओ बोस आगै सारी जनता फरियाद करै
रणबीर जरूरत हो कदे तो हमनै साथ मिलाईयो जी।।
रागनी --6
सुभाष बोस देखले आकै
देश मैं किसी आजादी आई, गरीबां कै और गरीबी छाई
अमीरां नै घणी लूट मचाई, सुभाष बोस देखले आकै ।।
1.
भगत सिंह नै दी कुर्बानी, जनता नै खपाई जवानी
हैरानी हुई थी गोरयां नै, कमर कसी छोरी छोर्यां नै
देश बांट दिया सोहरयां नै, सुभाष बोस देखले आकै ।।
2.
ये गोरे गये तो आगे काले, हमनै नहीं ये कदे सम्भाले
चाले कर दिये बेइमानां नै, भूल गय हम इन्सानां नै
इन देशी हुकमरानां नै, सुभाष बोस देखले आकै ।।
3.
बोवणियां की धरती होगी, सब जात्यां की भरती होगी
सरती होगी नहीं बिरान, खुश होज्यांगे मजदूर किसान
आजादी करै यो ऐलान, सुभाष बोस देखले आकै ।।
4.
मुनाफाखोर देश पै छाये, पीस्से पै सब लोग नवाये
लगाये भा इस बाजार मैं, ईमान बिकै कुछ हजार मैं
धंसते जावां हम गार मैं, सुभाष बोस देखले आकै ।।
5.
मकान सैं परिवार नहीं, माणस सैं घरबार नहीं
सरकार नहीं सुनती या, जाल कसूता बुनती या
गरीब नै रणबीर धुनती या, सुभाष बोस देखले आकै ।।
एक बार सुभाष बोस और लक्ष्मी सहगल के बीच बातचीत
होती है कि आजादी के बाद हिन्दुस्तान का क्या नक्शा होगा ?
कैसा हिंदुस्तान हम बनाना चाहते हैं तो सुभाष बोसे कुछ देर
सोचते हैं और अपने सपनों के भारत के बारे में बताते हैं |
क्या बताया भला –
लालच लूट खसोट बचै नहीं ईसा हिन्दुस्तान बसावांगे।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
1
नई तरां का इन्सान उभरै नई तरां के म्हारे समाज मैं
नई बात और बोल नये कहं जां नये सुर और साज मैं
बीमारी हो ही नहीं पावै विज्ञान नै लोक हित मैं लावांगे।।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
2
दोगली शिक्षा का खात्मा हो ज्ञान पिटारा यो इन्सान होज्या
नाड़ काट मुकाबला रहै ना एक दूजे का सम्मान होज्या
भ्रष्टाचार नहीं टोहया
पावै इका नामो निशान मिटावांगे।।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
3
मुनाफा मंजिल नहीं रहै ना चारों तरफ घमासान मचै
लाठी की भैंस नहीं रहै ना हथियारां का फेर सम्मान बचै
प्रदूषण बढ़ता जा धरती शमशान होण तै बचावांगे।।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
4
महिला नै इन्सान समझां रीत खत्म हो दोयम दरजे की
नौजवानां नै मिलै सही रास्ता ना मार बचै इस करजे की
जातपात खत्म हो सारे कै इन्सान बणां बिगुल बजावांगे।।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
रागनी --8
पार्क
मैदान में युवक कांग्रेस के अधिवेशन में
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने कहा तो
फिर क्या हमें बैलगाड़ी के बीते युग
की ओर वापस जाना
है? आत्मा के पाखण्ड को
इतना पुष्ट किया जा रहा है
कि भौतिक संस्कृति और फौजी प्रशिक्षण
की उपेक्षा करके भी उन्हें लगता
है सब ठीक चल
रहा है। इस पावन भूमि
के लिए मठ और आश्रम
की कल्पना जोई नई नहीं है।
सन्यासियों और सुपात्रों को
इस माट्टी में सदैव आदर का स्थान प्राप्त
होता रहा है और आगे
भी होता रहेगा । परन्तु मैं
युवाओं को चेतावनी देता
हूँ कि यदि एक
आधुनिक , स्वतंत्र , सुखी और शक्ति -सम्पन्न
भारत का निर्माण करना
है , तो हमें इस
मंडली का अनुशरण नहीं
करना है। इसके लिए पुरातन प्रभाव से मुक्त होकर
नवयुग का शंख फूंको।
क्या बताया भला कवि ने------
पार्क मैदान मैं सुभाष नै ये अपने विचार सुनाये रै।।
युवाओं को ललकारया उसनै क्रांति के नारे गूँजाये रै।।
1
बोस नै युवा संगठन का उड़ै मतलब समझाया था
निठल्ले बेजान युवाओं का यो संगठन नहीं बताया था
सामाजिक सेवासंघ भी कोण्या बोस नै पाठ पढ़ाया था
अंग्रेज राज का विरोधी धधकता अंगार सुझाया था
रूस चीन जर्मनी के किस्से उड़ै पूरे खोल कै बताये रै।।
युवाओं को ललकारया उसनै क्रांति के नारे गूँजाये रै।।
2
बोल्या अंग्रेजों नै चौतरफा करदी घेरेबंदी म्हारी वीरो
इम्पीरियल बैंक नै देश की करदी नाके बंदी भारी वीरो
कर्ज देने की करी मनाही जनता घणी दुख पारी वीरो
अंग्रेजों तैं छुटकारा पाल्यो ये देगे देश मैं बुहारी वीरो
ठारा सौ सत्तावन मैं भी संघर्ष के बिगुल बजाये रै।।
युवाओं को ललकारया उसनै क्रांति के नारे गूँजाये रै।।
3
या आवाज बोस की उठी ऊंचे स्तर तलक बताई
साबरमती अर अरविंद के मतां पै सवाल उठाई
आधुनिक स्वतंत्र सुखी देश की या तीजी राह दिखाई
मठ आश्रम बीते समों की उनको सब बात समझाई
पुराने तैं मुक्त होवण नै नवयुग के शंख बजाये रै।।
4
युवकों के दिलो दिमाग मैं सुभाष पूरी तरियां छाग्या रै
भगत सिंह जतीनदास इनका दस्ता मंच पै आग्या रै
दाढ़ी मूंछों आला नौजवान उड़ै पूरे पण्डाल नै भाग्या रै
सिर्फ अहिंसा के राह पै वो भगत सिंह सवाल ठाग्या रै
कहै रणबीर बरोणे आला सुण कै सुभाष मुस्कुराये रै।।
युवाओं को ललकारया उसनै क्रांति के नारे गूँजाये रै।।
रागनी --9
बाड़ खेत नै खावै आज सुभाष बोस थारे सपने सब धराशायी कर दिए
समाज के ठेकेदारों ने | क्या बताया भला ---
सोने का दिया रांग बना यो मोट्टा चाला होग्या ||
पतासे की खांड बनादी यो गुड़ का राल्ला होग्या||
1
आज पीतल कै ऊपर सोने का घोल चढ़ावें सें
साच का गल घोट कै झूठ का ढोल बजावें सें
ठग चोर घने शरीफ बनें रपट रोल मचावें सें
कैह अमृत का प्याला जहर का मोल बढ़ावें सें
चारों कूट बदमाशी फ़ैली मरण का ढाला होग्या ||
पतासे की खांड बनादी यो गुड़ का राल्ला होग्या||
2
सच्चाई छोड़ कै क्यूं झूठ तै नाता जोड़ लिया
मेहनत करने आले का जमा खून निचौड़ लिया
देश बेच दिया सारा कमीशन कई करोड़ लिया
पीस्सा आज भगवान होग्या घरबार तोड़ दिया
औरत बीच बाजार बिठादी यो ढंग कुढाला होग्या ||
पतासे की खांड बनादी यो गुड़ का राल्ला होग्या||
3
ये दिन देखण नै के गाँधी जी नै गोली खाई थी
ये दिन देखण नै के भगत सिंह नै फांसी परनायी थी
ये दिन देखण नै के रानी झाँसी नै लड़ी लडाई थी
ये दिन देखण नै के सुभाष बोस नै फ़ौज बनाई थी
इसी आजादी आई सै यो ज्यान का गाला होग्या ||
पतासे की खांड बनादी यो गुड़ का राल्ला होग्या||
4
कट्टर पंथ का जहर फैलाया बाग़ बगीचे सूक गये
भाई का बैरी भाई आज हुया कडे पुराने रसूख गये
इब्बी साच्ची बात जानलयां कौन बधा या भूख गये
लिखी रणबीर बात असली खुस क्यूं म्हारे टूक गये
हमपे जाल यो गेर दिया बैरी महरा रूखाला होग्या ||
रागनी --10
सुभाष चन्द्र बोस हमनै थारी याद घणी आवै सै।।
थारे करे पै पाणी फेर रहे देख दिल दुख पावै सै।।
1
आजाद देश का थारा सपना कितै नजर ना आंता
मेहनत म्हारी हुई तरक्की ये फल कोये दूजा खांता
गरीब ताहिं पहोंचै आजादी सपना खिंडता जावै सै।।
थारे करे पै पाणी फेर रहे देख दिल दुख पावै सै।।
2
माणस माणस का प्रेम बढ़ैगा यो सपना थारा था
किसान मजदूर खुस रहवैगा यो सपना म्हारा था
भ्रष्टाचार की तूती बोली जयहिंद का मुंह चिड़ावै सै।।
थारे करे पै पाणी फेर रहे देख दिल दुख पावै सै।।
3
देख कै हाल देश का फेर आई सी एस त्यागी थी
देख कुर्बानी तेरी नै नौजवान की आत्मा जागी थी
यो नौजवान भारत देश का हटकै थामनै बुलावै सै।।
थारे करे पै पाणी फेर रहे देख दिल दुख पावै सै।।
4
इंसानियत छाज्या सारे कै बोस थारा यो सपना था
हथियार तैं आजादी पाऊं फौजी सिपाही अपना था
कहै रणबीर बरोने आला थारी याद घणी सतावै सै।।
थारे करे पै पाणी फेर रहे देख दिल दुख पावै सै।।
रागनी --11
सुभाष चंद्र बोस तेरी याद बहोत घणी आवै सै रै।।
भारत खड़या चौराहे पर तहे दिल तैं बुलावै सै रै।।।
1
थारी कुर्बानी तो भूल गए देश पढण बिठाया देख
घोटाले पर घोटाले करकै घणा उधम मचाया देख
गुलाम पहले ब्रिटेन का इब अमरीका आया देख
लूट के तरीके बदल लिए किसान दुख पाया देख
कांग्रेस मैं तनै देख्या था कई हिचकोले खावै सै रै।।
भारत खड़या चौराहे पर तहे दिल तैं बुलावै सै रै।।
2
अंग्रेज ताहवण खातर आजाद हिन्द फौज बनाई रै
तम खूनदयो मैं आजादी दिलाऊँ या आवाज लाई रै
गोरे घणे जुल्मी सैं इसकी घर घर मैं अलख जगाई रै
गोर शासक पक्के बैरी जनता आछी ढाल समझाई रै
थारे बारे मैं या दादी मेरी कई ए कहानी सुणावै सै रै।।
भारत खड़या चौराहे पर तहे दिल तैं बुलावै सै रै।।
3
थारी मौत के बारे मैं बादल आज तलक छाए सुभाष
हवाई जहाज की दुर्घटना मैं खत्म हुए बताये सुभाष
किसे नै कहि अक रूस में एक बै नजर आए सुभाष
इतने साल हो लिए हम सच्चाई ना जान पाए सुभाष
ईसा लागै सै जणु सुभाष दरवाजे खट खटावै सै रै।।
भारत खड़या चौराहे पर तहे दिल तैं बुलावै सै रै।।
4
सुभाष थारे सपन्यां का भारत हम बना नहीं पाए
सारे नर नारी सुख पावैं इसे कदम उठा नहीं पाए
गरीब की झोंपड़ी मैं आजादी हम पहुंचा नहीं पाए
सबको शिक्षा काम सबको देश मैं दिवा नहीँ पाए
रणबीर सिंह बरोने आला अपना सीस झुकावै सै रै।।
भारत खड़या चौराहे पर तहे दिल तैं बुलावै सै रै।।
12
अपने वक्तव्य में कर्नल हबीबुर्रहमान ने बताया" विमान बहुत ऊपर नहीं गया था और अभी एयरफील्ड सीमा के अंदर ही था कि मुझे विमान के सामने के हिस्से से धमाके की आवाज सुनाई दी । बाद में पता चला कि विमान का एक प्रोपेलर टूट कर नीचे गिर गया था। जैसे ही विमान नीचे गिरा उसके अगले और पिछले हिस्से में आग लग गई थी।
क्या बताया भला :--
बोस भुंडी ढालां जलग्या था फेर कति कराहया कोन्या रै।।
सैगोन तैं आगै जाण नै बोस नै विमान थ्याया कोन्या रै।।
1
बम्बवर्षक विमान जापानी मैं जगहां मिल पाई
हवाई अड्डे पै छोड़ण आये जयहिंद तैं ली विदाई
तेजी तैं चढ़या विमान पै पाछे नै लखाया कोण्या रै।।
सैगोन तैं आगै जाण नै बोस नै विमान थ्याया कोन्या रै।।
2
कर्नल हबीबुर्रहमान भी पीछै पीछै चढ़े विमान मैं
पायलेट के ठीक पाछै सुभाष बोस बैठे विमान मैं
दोनों जमीन पै बैठे कोएसा घबराया कोण्या रै।।
सैगोन तैं आगै जाण नै बोस नै विमान थ्याया कोन्या रै।।
3
आस पास साहमी पैट्रोल के जरीकेन धरे थे भाई
बिना सीट बैठे दोनूं फेर भी जमा ना डरे
थे भाई
धमाका हुया जोरका किसे कै समझ आया कोण्या रै।।
सैगोन तैं आगै जाण नै बोस नै विमान थ्याया कोन्या रै।।
4
रहमान नै देख्या बोस के कपडयां मैं आग लागरी
बुशर्ट काढया हाँगा लाकै रणबीर सांस तेज भागरी
बोस बोल्या बचूं नहीं हबीब आंसू रोक पाया कोण्या रै।।
सैगोन तैं आगै जाण नै बोस नै विमान थ्याया कोन्या रै।।
रागनी --13
20 जुलाई 1940 को जर्मनी ने ब्रिटेन परजब बमबारी शुरू की तो इसका जबरदस्त प्रभाव भारतीय स्वतंत्रता संग्रामी जनमानस व नेताओं पर पड़ा । 'शत्रु का दुश्मन अपना मित्र' के विचार से ज्यादातर लोग अभिभूत हुए और जर्मनी के पक्षधर। जर्मनी से ब्रिटेन को पिटते देख आम भारतीय खुश थे। क्रांतिकारी मत का प्रतिनिधित्व कर रहे सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी की वैरियत का शिकार हुए। क्या बताया भला-
दूसरे विश्व युद्ध पै कांग्रेस मैं विचार कई पाये रै।।
महात्मा गांधी सुभाष बोस आपस के मैं टकराये रै।।
1
एक सितंबर उनतालीस नै युद्ध का डंका बजाया था
जर्मनी का पौलैंड पै हमला हिटलर नै करवाया था
ब्रिटेन कै ऊपर जर्मनी नै बमबां का दौर चलाया था
शत्रु का दुश्मन मित्र अपना भारत मैं विचार छाया था
जर्मनी नै ब्रिटेन पिट्या हिन्दवासी जर्मनी साथ पाये रै।।
2
देश की मुख्यधारा आलयां नै ब्रिटेन कै शर्त लगाई रै
आजादी की गारंटी शर्त पै ब्रिटेन की साथ निभाई रै
ब्रिटेन ढावण का मौका सै क्रांतिकारी आवाज आई रै
इसे कारण सुभाष बोस की कांग्रेस नै करदी विदाई रै
इन हालातों मैं बोस नै अपने न्यारे रास्ते अपनाए रै।।
3
फेर फारवर्ड ब्लॉक पार्टी सुभाष बोस नै बनाई रै
विदेश जावण की बोस नै अपनी इच्छा जताई रै
पंजाब कीर्ति किसान पार्टी बोस की मदद पै आई रै
पेशावर रास्ते काबुल तक भेजने की स्कीम सुझाई रै
भारत सुरक्षा क़ानून मैं सुभाष जेल के मैं खंदाये रै।।
4
जेल मैं क्रान्तिकारियाँ साथ विचार विमर्श हुया कहते
देश छोड़ कै जावण का फैसला सुभाष नै लिया कहते
आमरण अनशन गेल्याँ गिरफ्तारी विरोध किया कहते
रणबीर जनता के दबाव तैं जेल तैं करया रिहा कहते
गौरी सरकार नै घर मैं बोस नजरबन्द करवाये रै।।
महात्मा गांधी सुभाष बोस आपस के मैं टकराये रै।।
1
एक सितंबर उनतालीस नै युद्ध का डंका बजाया था
जर्मनी का पौलैंड पै हमला हिटलर नै करवाया था
ब्रिटेन कै ऊपर जर्मनी नै बमबां का दौर चलाया था
शत्रु का दुश्मन मित्र अपना भारत मैं विचार छाया था
जर्मनी नै ब्रिटेन पिट्या हिन्दवासी जर्मनी साथ पाये रै।।
2
देश की मुख्यधारा आलयां नै ब्रिटेन कै शर्त लगाई रै
आजादी की गारंटी शर्त पै ब्रिटेन की साथ निभाई रै
ब्रिटेन ढावण का मौका सै क्रांतिकारी आवाज आई रै
इसे कारण सुभाष बोस की कांग्रेस नै करदी विदाई रै
इन हालातों मैं बोस नै अपने न्यारे रास्ते अपनाए रै।।
3
फेर फारवर्ड ब्लॉक पार्टी सुभाष बोस नै बनाई रै
विदेश जावण की बोस नै अपनी इच्छा जताई रै
पंजाब कीर्ति किसान पार्टी बोस की मदद पै आई रै
पेशावर रास्ते काबुल तक भेजने की स्कीम सुझाई रै
भारत सुरक्षा क़ानून मैं सुभाष जेल के मैं खंदाये रै।।
4
जेल मैं क्रान्तिकारियाँ साथ विचार विमर्श हुया कहते
देश छोड़ कै जावण का फैसला सुभाष नै लिया कहते
आमरण अनशन गेल्याँ गिरफ्तारी विरोध किया कहते
रणबीर जनता के दबाव तैं जेल तैं करया रिहा कहते
गौरी सरकार नै घर मैं बोस नजरबन्द करवाये रै।।
रागनी --14
सुभाष बोस और एमिली शेंकन
एमिली शेंकन का जन्म सन उन्नीस सौ दस मैं बताया।।
नेता सुभाष चन्द्र बोस का यो पूरी तरियां साथ निभाया।।
1
सन चालीस मैं ऑस्ट्रिया मैं जा करकै नै इलाज कराया
बोस किताब लिखी उड़ै टाइप की खातर मानस चाहया
मित्र नै एमिली शेंकन को सुभाष बोस तैं था मिलवाया।।
नेता सुभाष चन्द्र बोस का यो पूरी तरियां साथ निभाया।।
2
सुभाष बोस एमिली बीच मैं प्यार की पींघ बधण लगी
नाजी जर्मनी के सख्त कानून बात उनको खलण लगी
बॉड गास्टिन मैं दोनों नै अपना बयालीस मैं ब्याह रचाया।।
नेता सुभाष चन्द्र बोस का यो पूरी तरियां साथ निभाया।।
3
कुछ महीने साथ रहे दोनूं बोस नै भारत आना पड़ग्या
गर्भवती एमिली नै एकेले बोझ यो पूरा ठाना पड़ग्या
बेटी जन्मी एमिली नै फेर सुभाष मूंह ना देखण पाया।।
नेता सुभाष चन्द्र बोस का यो पूरी तरियां साथ निभाया।।
4
हटकै नै सुभाष चन्द्र बोस नाजी जर्मनी मैं आये भाई
चार सप्ताह की बेटी का मुँह सुभाष थे देख पाये भाई
रणबीर बेटी का नाम करण अनिता बोस था कराया।।
नेता सुभाष चन्द्र बोस का यो पूरी तरियां साथ निभाया।।
जरी है