किस्सा इमराना और नूर
इलाही
1
-
भारत में
उत्तर प्रदेश का
हम सारे जिकरा
आम सुणां।।
सबतै बड्डा
प्रदेश बताया बात इसकी
सुबो शाम सुणां।।
लखनउ उत्तर
प्रदेश की राजधानी
बताई जा
जुर्मां की मशहूर
राजधानी मुजफ्फर नगर सुझाई
जा
डकैती ब्लात्कार लूट-पाट की
बढ़ती कतार दिखाई
जा
चोरी जारी
अर मार-पीट
की खबर अखबारां
मैं पाई जा
समाज चल्या
गया रसातल मैं
लाश मिलै गुमनाम
सुणां।।
मुजफ्रफर नगर जिले
नै अपराध मैं
नाम कमाया आज
या बेरोजगारी
बढ़ती जा नौजवान
रिवाल्वर ठाया आज
ब्यूटी कम्पीटीशन इसे
चलाये महिला शरीर
बिकाया आज
अफरा तफरी
मचा राखी गुण्डा
राज सारै फैलाया
आज
सबकै साहमी
छोरी ठाले ज्यां
बात शहर और
गाम सुणां।।
पंचायत नै
इस जिलैं मैं
तालिबानी हुक्म घणे सुनाये
कोए जात
बची कोन्या जिससे
लवमैरिज नहीं तुड़वाये
कानून हाथ मैं
लेवै रोजाना गये
सैकड़ा प्रेमी मरवायें
म्हारे थारे बरगे
कायर भतेरे जो
विरोध ना कर
पायें
बर्बर तै बर्बर
फैसला करया इसे
इनके काम सुणां।।
जवान छोरी
का बाहर लिकड़ना
आज घणा भारी
होग्या
ना मन
मर्जी के लत्ते
पहरैंगी आज फतवा
जारी होग्या
इसी हालात
देख समाज मैं
आज मन बहोतै
खारी होग्या
अपणा आप्पा
ना देखै यो
ताशों का इसा
खिलारी होग्या
रणबीर सिंह दुख
मैं लिख्या आज
उसका यो पैगाम
सुणां।।
2
मुजफ्रफर नगर जिले
मैं चरथावल गाम
सुन्या होगा।।
इसे गाम
की रहने आली
सै इमराना नाम
सुन्या होगा।।,
सादी भोली
इमराना नै नूर
इलाही तै निकाह
कराया
नूर इलाही
पै इमराना नै
फेर पूरा विश्वास
जताया
नहीं पीछे
कदम हटाया रही
सै गुमनाम सुन्या
होगा।।
पांच बालक
इमराना कै सास
ससुर साथ रहवैं
थे
मुश्किल होवै गुजारा
उनका दुख दिन
रात सहवैं थे
कितै अपनी
बात कहवै थे
किस्सा आम सुन्या
होगा।।
क्यूकरै करकै काम
धन्धा बस धक्के
दिनां नै देरे
गातां पै निशान
पिट्टण के सब
अपने गाता पै
लेरे
गरीबी नै कसूते
घेरे म्हंगाई मैं
चढ़ै दाम सुन्या
होगा।।,
इमराना नेै एकाध
बै ससुर की
नजर चुभती लागै
उसके साहमी
तै तावली सी
वा दीवार की
और भागै
रणबीर की कलम
जागै जिंका बरोना
धाम सुन्या होगा।।
3
स्वयभूं पंचायता नै
कई प्रेमी जोड़े
मरवा दिये।।
प्रशासन आंख मींच
रहया चाले घणे
करना दिये।।
एक पंचायत
नै कठ्ठी होकै
प्रेमी युगल पै
प्रहार किया
थप्पड़ लात घूसे
मारे नाड़ पै
चला हथियार दिया
प्रेमी युगल बेहोश
पड़या घणा मजबूर
परिवार किया
जिन्दा दोनों जला
दिये चुप रहने
को लाचार किया
इसी बर्बर
पंचायत होगी जिन्दा
माणस जलवा दिये।।
सारे गाम
गुहान्डा मैं पंचायत
जुलम ढावण आली
जो शादी
करणा चाहवैं उनके
राह मैं आवण
आली
छोरा-छोरी
नै दिन धौली
ये डायन खावण
आली
ये तालिबानी
करै फैसले घरां
मैं आग लावण
आली
बीर मरद
तीन साल तै
बाहण भाई ये
बणवा दिये।।
औरत का
हरेक जात मैं
दोयम दर्जा दिया
दिखाई
घर मैं
भी महफूज नहीं
रिश्तेदार बणैं जुल्मी
अन्याई
घर तै
बाहर सफेद पोशां
नै लिहाज शर्म
सब तार बगाई
एक औड़
नै कुआं दीखै
दूजे औड़ नै
दीखै सै खाई
इस हाई
कोर्ट नै कई
जगां डोगे उल्टे
धरवा दिये।।
अन्तहीन कहानी से
ना इसका कितै
कोए छोर दखे
गाम की
इज्जत के बहाणै
ना थमै जुलम
का दौर दखे
बिना बात
की बातां पै
मचै चैगरदें शोर
दखे
औरत की
जिन्दगी अन्धेरी कद होवैगी
भोर दखे
रणबीर की कविताई
नै नयनां आंसू
भरवा दिये।।
वार्ता 4
इमराना के सुसरे
नै एक दिन
नीत डिगा दी
अपणी
बदफेली करकै इमराना
गेल्यां जात दिखा
दी अपणी
रोती-राती
चाल कमरे तै
अपणी सासु पास
आई दखे
अपनी दुख
भरी कथा उसनै
सास तै सुनाई
दखे
सासू सुणकै
दुखी हुई दिल
की बता दी
अपणी।।
सासू नै
मिन्नत करी इमराना
बोल चुपा की
रैहज्या
उसनै सबक
सिखाउंगी मैं इस
बदमफेली नै सैहज्या
इमराना नै चुप
रैह कै कीमती
बख्त गवा दी
अपणी।।,
तीन दिन
पाछे इमराना की
भाभी फेट्टण उसनै
आई
भीतरला भर आया
फेर भाभी तै
सब खोल बताई
भाभी सुणकै
दंग रैहगी तसल्ली
माड़ी दिवा दी
अपणी।।
पति देवर
सबको जाकै फेर
भाभी नै बात
बताई
चरथावल मैं पहोंच
गये मोहम्मद की
करी पिटाई
रणबीर नै कलम
घिसाई सही छन्द
बना दी अपणीे ।।
वार्ता 5
पूरे गाम
मैं बात फैलगी
तरां-तरां की
चर्चा होण लगी।।
कोए ससुर
नै गाल बकै
कोए इमराना नै
डबोण लगी।।
जितनें मुंह उतनी
बात घुसर-फुसर
खूब चली फेर
गाम कै
गोरै बात बणावैं
खाली बची नहीं
कोए गली फेर
उस कै
फांसी घली फेर
पंचायत उसनै टोहण
लगी।।
जाति की
पंचायत बुला इसमें
अली मिंया दोषी
पाया
बोले अदालत
मैं पेश करो
इसपै जागा केस
चलाया
पंचायत नै फतवा
सुनाया इमराना सुणकै रोण
लगी।।
नूर की
इलाही की माता
पंचायत नै हुक्म
सुणाया उड़ै
पति नूर
इलाही इमराना का
उननै बेटा बनाया
उड़ै
मातम कसूता
छाया उड़ै पंचायत
किसे बीज बोण
लगी।।
गाम का
कोए माणस बी
इमराना कान्ही ना खड़या
हुया
धार्मिक संगठन दड़
मारगे जण सांप
सा लड़या हुया
रणबीर सिंह अड़या
हुया कलम छन्द
पिरोण लगी।।
वार्ता 6
कई महिला
आगै आई खड़ी
होगी इमराना की
जड़ मैं
बोली हम
तेरा साथ देवां
जिब ताहि सांस
म्हारे धड़ मैं
जिनके शोहर बाहर
जोर उनका मुश्किल
जीणा होग्या
जिनके पति जेला
मैं उननै मुंह
अपणा सीणा होग्या
कई साल
विछोह मैं कटते
घूंट सबर का
पीणा होग्या
सुसरा म्हारा करै
बदफेली वो माणस
कमीणा हो ग्या
किसकै धोरै फरियाद
करां पुरूष तबका
सै अकड़ मैं।।
एक घर
का जिकरा कोन्या
पूरा गाम इसकी
मार मैं
एक गाम
का कित जिकरा
पूरा जिला अन्धकार
मैं
एक जिनाना
उत्तर प्रदेश पूरा
कस्या अत्याचार मैं
एकला यू
पी ना भारत
पूरा रोल माचगी
संसार मैं
बदफेली इसी फैल
रही जण घुण
लाग रया बड़
मैं।।
इस सारे
मसल्यां मैं फेर
औरत का कसूर
बताया जा
राम के
राज मैं सीता
का अग्नि परिक्षण
करवाया जा
समाज के
रिवाज किसे कलंक
महिला पै लाया
जा
माणस बिना
नकेल घूमै औरत
कै नकेल घलाया
जा
इमराना मत घबरावै
ना दम पंचायत
की कड़ मैं।।
महिला संगठन नै
मिल कै एफ
आई आर दर्ज
कराई
मुल्ला मौलवी कठ्ठे
होंगे इमराना की
करी बुराई
कुरान के पन्ने
उल्ट कै नै
इमराना अलग करवाई
धर्म ग्रन्थ
देख लिए सारे
महिला सबमैं गई
दबाई
रणबीर पोल खुलगी
उनकी जो रहया
करते अकड़ मैं।।
वार्ताः 7
जब इमराना
की भाभी वापस
जाकर इमराना के
भाइयों को सारी
घटना के बारे
में बताती है
तो काफी गुस्सा
करते हैं और
इमराना की सुसराल
आकर सारी बात
की तहकीकात करते
हैं। इमराना रोते-रोते अपने
ससुर की काली
करतूतों के बारे
में बताती है।
उसके भाई अली
मोहम्मद की पिटाई
करते हैं और
क्या कहते हैं
भलाः
ये सारी
हद पार करदी
सुणले अली मोहम्मद
कसाई।।
के सूझी
शरीफ बदमाश तनै
इस घर मैं
आग लगाई।।
घर की
बहु बेटी बराबर
हो सै गन्दा
विचार क्यों आया
इसकी जिन्दगी
खराब करी जालिम
बता तनै के
थ्याया
शोहर गेल्यां
नहीं रहवैगी मुल्ला
जी नै फरमान
सुनाया
शान्ति तै रहया
करैं थे क्यों
जिन्दगी मैं तूफान
मचाया
चरथावल मैं भांत-भंात की
बात करते लोग
लुगाई।।
मोहम्मद पिट्या जिब
उड़ै गाम मैं
बात फैलगी सारै
किसनै बेरा था
बड़ी पंचायत या
डायन का रूप
धारै
धर्म का
कट्टर वाद छाग्या
इमराना नै जिन्दा
मारै
ससुर अदालत
भुगतैगा यातो बेटा
पति नै पुकारै
पंचायत फैसले नै
जिले की करवादी
जगत हंसाई।।
इमराना नूर इलाही
नै कठ्ठे रैहण
का मन बनाया
इमराना के ननिहाल
मैं हटकै अपणा घर
बसाया
वे पति
पत्नि बणे रैहगे
जनता कै सांस
मैं सांस आया
देवबन्द मैं दारूम
उलूम के मुक्ती
नै फेर फरमाया
इसी घटना
पाछै मुक्ती नै
न्हारे रैहण की
बात बताई।।
मुजफ्रफर नगर मैं
उलूम का असर
बहौत बताया
टीवी नै
दारूल उलूम का
घर-घर मैं
संदेश पहौचाया
जनता झुकी
मुक्ती साहमी नूर इलाही
चरथावल आया
धर्म के
ठेकेदारा नै इनकी
जिन्दगी मैं जहर
मिलाया
रणबीर नै भारी
मन तै करनी
पड़री सै कविताई
वार्ता
8
8
विवाद उठ्या बहोत
घणे इमराना के
सुसरे कान्ही पाये
मुस्लमान कुछ पढ़े
लिखे इमराना के
पालै मैं आये
डाक्टर ताहिर महमूद
नै फेर बात
कही चतुराई तै
मौलाना डाक्टर करीम
मदनी बात समझी
गहराई तै
जनाब कल्बे
सादिक बरगे वाकिफ
कुरान की लिखाई
तै
सारेे बोले फतवा
ठीक नहीं सजा
मिलै ससुर अन्याई
तै
थोड़े दूर
हुये काले बादल
जो थे इमराना
उफपर छाये।।
एक सुर
मै फतवा इननै
एक सिरे तै
नकार दिया सै
मां बेटे
का रिश्ता उनका
बिल्कुल ना स्वीकार
किया सै
पंचावत जो फतवे
आली उसको जमा
दुत्कार दिया सै,
मुक्ती का ब्यान
सबनै बता एक
तरफा प्रचार दिया
सै
इक्शवीं सदी उत्तर
प्रदेश मैं जाते
किसे फतवे सुनाये।।
इमराना की दिमागी
हालत दिन और
रात गिरती जावै
धर्म के
खिलाफ नहीं जाउं
इमराना बार-बार
दोहरावै
पति की
साथ रहवै इमराना
वा दिल तै
न्यौए चाहवै
अल्लाह कितै सुणता
होतै उसनै अपणी
बात सुनावै
ृृ हिन्दु
मुस्लिम गाम के
आज सब इमराना
साथ बताये।।
ना इमराना
एक एकला मामला
अजीजन स्टेज पै
आई
जिनके पति बाहर
जारे सैं उनकी
याहे तै व्यथा
बताई
ससुर नै
बहु जबरन बीवी
बहोत धरा मैं
आज बनाई
इमराना गेल्यां खड़ी
सां म्हारी होगी
जरूर सुनाई
रणबीर बरोने आले
नै जी लाकै
सही छन्द बनाये।।
वार्ता 9
ये पंचायत
खड़ी पावैं सै
हक मैं जालिम
ब्लात्कारी कै
महिला की कोए
जात नहीं भगवान
जिसे न्याय कारी
कै
चरथावल की पंचायत
नै एक ब्लात्कारी
जमा बचाया
पांच चप्पल
मखाकै ब्लात्कारी का
पिंड छुटवाया
अमले कै
सांप सूंघग्या पुलिस
अफसर सरकारी कै।।
औरत के
खिलाफ हमेश्या फतवे
पंचायत के जारी
होवैं
पति पत्नि
तै भाई बाहण
बणो ये हुकम
भारी होवै
थाणे मैं
करैं बदफेली आग
लागो इसी थानेदारी
कै।।
चैदवीं सदी के
फतवे ये आज
भी क्यूकर चाल
रहे रै
औरत कै
लगवा दे फांसी
ये दिखा कसूते
कमाल रहे रै
समानान्तर कानून व्यवस्था
लादे बट्टा इज्जत
म्हारी कै।।
हरियाणे मैं स्वयभूं
पंचायत उपर नै
मुंह ठारी संै
इनकी साहमी
बहोत पार्टी अपणी
पूछ हिलारी सैं
रणबीर सिंह नै
कलम उठाई खिलाफ
अत्याचारी कै।।
वार्ता 10
मुलायम सिंह नै
मुंह खोल्या, वोतै
बहोतै माड़ा बोल्या
नहीं मामला
सही तोल्या, इमराना
छोड्डी मंझदार मैं।।
धार्मिक पंडयां के
दरबार मैं इमराना
ले जाकै छोड्डी
ये
कठमुल्ले मुस्लमान घलवा देंगे
उसकी तै गोड्डी
क्यूकर इसी बात
करी सै, महिलावां
कै नहीं जरी
सै
उसकी बुद्धि
क्यों मरी सै,
इमराना छोड्डी मझदार मैं।।
धार्मिक हिंदु इमराना
की मदद करण
नै आगै आये
हिंदु महिलावां की
खातर कदे नहीं
ये टोहे पाये
आरएसएस के खेल
ये, सती प्रथा
मैं गेरै तेल
ये
औरत की
बनादे रेल ये,
इमराना छोड्डी मंझदार मैं।।
हजारां सालां की
जकड़न सहज-सहज
या टूट रही
ृ जिसनै
जकड़न तोड़ी चाही
उसे की कड़
नै कूट रही
रणबीर सिंह बरोने
आला, लिखता सब
सफेद काला
होग्या जमा मुंह
काला, इमराना छोड्डी
मंझदार मैं।।
वार्ता 11
कविता और जगतार
नै जिन्दगी साथ
बितानी चाही रै।।
जिब तै
लाग्या इसका बेरा
गाम नै पंचायत
बुलाई रै।।
खोखर गोत
की छोरी सै
कुन्डु गोत का
छोरा गया बताया
ब्याह गाम की
गाम मैं कैसे
हो माहौल पूरा
ये गरमाया
दोनूं पढ़ैं दिल्ली
यूनिवर्सिटी मैं गाम
नै पता लगाया
साथ जीवांगे
साथ मरांगे उननै
यो सन्देह पहोंचाया
एक बै
पंचायत अधम उठी
कोन्या पार बसाई
रै।।
कुन्डु छोरी दूजे
गाम की खोखर
ब्याह कै ल्यावैं
रोज
खोखर अर
कुन्डु दोनों गोत क्यूकर
आंख मिलावैं रोज
बिना बात
की राड़ ठारे
सैं हमपै ऐतराज
लगावंै रोज
गाम का
लेकै बाहना मतलब
अपणा साध्या चाहवैं
रोज
धरती पै
निगाह काका की
बेटी बदचलन बताई
रै।।
कविता और जगतार
नै गाम मैं
आना-जाना छोड़
दिया
काका नै
दारू प्या प्याकै
बिठा पंचायत मैं
जोड़ लिया
दोनुआं के धरक्यां
ताहिं बोले कहो
कति नाता तोड़
लिया
जीन्ते जी क्यूकर
औलाद मारैं पंचात
नै पाछा मरोड़
दिया
जात और
गाम बाहर की
पंचात नै गुहार
लगाई रै।।
दोनुं परिवार बाहर
काढ़े दर-दर
के धक्के खावैं
थे
मतना करो
शादी कविता बार-बार सब
धमकावैं थे
जगतार कविता उल्टा
अपने मां बाप
नै समझावैं थे
कविता का काका
और ताउ सब
खेत कब्जाया चाहवैं
थे
उकसा कविता
का भाई जगतार
कै गोली मरवाई
रै।।
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